सामाजिक न्याय एवं अधिकारिता मंत्री श्री अविनाश गहलोत ने सोमवार को विधानसभा में कहा कि मुख्यमंत्री अनुप्रति कोचिंग योजना के तहत वर्तमान में 30 हजार छात्र—छात्राओं को कोचिंग सुविधा उपलब्ध कराने का है। इस संख्या को आगामी वर्षों में 50 हजार तक ले जाया जाएगा। उन्होंने कहा कि मुख्यंमत्री श्री भजनलाल शर्मा की सोच है कि कोई भी जरूरतमंद छात्र—छात्राएं कोचिंग के अभाव में बेहतर शिक्षा से वंचित नहीं रहे।

सामाजिक न्याय एवं अधिकारिता मंत्री प्रश्नकाल के दौरान सदस्य द्वारा इस सम्बन्ध में पूछे गए पूरक प्रश्नों का जवाब दे रहे थे। उन्होंने बताया कि मुख्यमंत्री अनुप्रति कोचिंग योजना के अंतर्गत हमारा लक्ष्य 30 हजार छात्र—छात्राओं को निशुल्क कोचिंग उपलब्ध करवाना है। इसके विपरीत अब तक हमें 23 फरवरी 2025 तक कुल 67 हजार 427 यानी 225 प्रतिशत अधिक आवेदन प्राप्त हुए हैं। उन्होंने बताया कि 2005—06 में वसुंधरा सरकार ने इसे लॉन्च किया था, फिर पूर्व सरकार ने इसे 2021 में लॉन्च किया। हमारी सरकार ने इसमें गुणवत्तायुक्त सुधार के लिए दिशा—निर्देश जारी किए हैं।
श्री गहलोत ने कहा कि इस योजना के तहत पूर्व में छोटे और नॉन प्रतिष्ठित संस्थान आते थे, हमारी सरकार ने इसमें प्रतिष्ठित संस्थानों को शामिल किया। वर्तमान में 37 प्रतिष्ठित संस्थान इस योजना के अंर्तगत आते हैं। उन्होंने कहा कि सरकार का 30 हजार का लक्ष्य शत—प्रतिशत पूरा करने का है। उन्होंने कहा कि पूर्ववर्ती सरकार ने केवल 21 हजार यानी 65 प्रतिशत छात्र—छात्राओं को ही लाभान्वित किया था। उन्होंने बताया कि वर्ष 2023—24 में कुल 127.10 करोड़ रुपए में से 101.74 करोड़ रुपए व्यय कर छात्र—छात्राओं को लाभान्वित किया गया है। उन्होंने बताया कि 2025—26 के लिए 209 करोड़ का बजट निर्धारित है, उसे भी निर्धारित समयावधि में व्यय किया जाएगा।
उन्होंने बताया कि संस्थानों के गुणात्मक सुधारों के लिए उनका परिणाम, प्रतिष्ठा और टर्न ओवर शामिल किया है और नए दिशा—निर्देशों के जारी होने के कारण कुछ प्रकरणों में देरी हुई है। उन्होंने बताया कि 2024—25 के सत्र की कोचिंग अप्रेल माह से प्रारंभ हो जाएगी। 2025—26 की जो कि 3 साल के लिए एम्पैनल हुई है। उसके लिए 209 करोड़ का अुनमानित व्यय होगा। उन्होंने बताया कि 2024—25 के लिए अप्रेल माह में और 2025—26 के लिए जुलाई माह में पोर्टल खोला जाएगा। उन्होंने बताया कि अनुप्रति कोचिंग योजना इतनी लोकप्रिय हो रही है कि गुजरात और पंजाब सहित कई अन्य राज्यों के अधिकारी विभागीय अधिकरियों से मिलकर गए हैं और अपने राज्यों में भी लागू करना चाहते हैं।
इससे पहले विधायक श्री रफीक खान के मूल प्रश्न के लिखित जवाब में सामाजिक न्याय एवं अधिकारिता मंत्री ने बताया कि योजना को अधिक पारदर्शिता, निष्पक्षता, वस्तुनिष्ठता एवं जवाबदेहिता के साथ परिणामोन्मुखी बनाने तथा योजनान्तर्गत निर्धारित 30 हजार सीटों के लक्ष्य को शत-प्रतिशत हासिल करने के उदेश्य से योजना के दिशा-निर्देशो में आवश्यक सुधार एवं संशोधन कर संशोधित नवीनतम विस्तृत दिशा-निर्देश एवं मानक संचालन प्रकिया जारी की गई है। विभाग द्वारा विज्ञप्ति जारी कर सत्र 2024-25 में योजनान्तर्गत सूचीबद्ध होने हेतु इच्छुक कोचिंग संस्थानों से आनलाईन प्रस्ताव आमंत्रित करने के लिए दिनांक 20.11.2024 से पोर्टल प्रारम्भ कर नियमानुसार पात्र एवं योग्य कोचिंग संस्थाओं को सूचीबद्ध कर लिया गया। तदउपरान्त विभाग द्वारा विज्ञप्ति जारी कर इच्छुक अभ्यर्थियों से आनलाईन आवेदन पत्र आमंत्रित करने के लिए दिनांक 01.02.2025 से पोर्टल प्रारम्भ कर अतिंम तिथि 23 फरवरी 2025 तक कुल 67 हजार 427 आवेदन प्राप्त हुए है, जिनकी प्रोविजनल मेंरिट लिस्ट विभाग द्वारा जारी की जा चुकी है। योजनान्तर्गत वित्तीय वर्ष 2024-25 के लिये बजट प्रावधान 127.10 करोड रूपये है।
CM Anuprati Coaching Scheme Update
श्री गहलोत ने बताया कि मुख्यमंत्री अनुप्रति कोचिंग योजना में यूपीएससी द्वारा आयोजित सिविल सेवा, आरपीएससी द्वारा आयोजित आरएएस या अधीनस्थ सेवा संयुक्त प्रतियोगी, मेडिकल/इंजिनियरिंग प्रवेश, क्लैट, सीए, सीएस एवं सीएमए परीक्षाओं की कोचिंग करने वाले अभ्यर्थियों में से प्रतिष्ठित कोचिंग संस्थानों में कोचिंग प्राप्त करने वाले वे अभ्यर्थी जो कोचिंग के लिए अपना आवास छोड़कर अन्य शहर में आकर रहे उनको आवास/भोजन इत्यादि के लिए प्रतिवर्ष 40 हजार रूपये का भुगतान किये जाने का प्रावधान है। उक्त संचालन प्रक्रिया के बिन्दु संख्या 12-बी में सम्बधित लाभार्थी द्वारा प्रस्तुत किरायानामा/छात्रावास शुल्क रसीद को संबधित कोचिंग संस्थान द्वारा आनलाईन पोर्टल पर हास्टल अलाउंस के विकल्प पर अपलोड करने का प्रावधान है। उन्होंने वित्तीय वर्ष 2023-24 में मुख्यमंत्री अनुप्रति कोचिंग योजनान्तर्गत आवास/भोजन इत्यादि हेतु पात्र लाभार्थियों की संख्या, भुगतान किये गये लाभार्थियों की संख्या एवं उनको भुगतान की गई राशि का वर्गवार विवरण सदन की मेज पर रखा।