शिक्षा मंत्रालय ने अधिसूचना जारी कर पांचवी और आठवीं की परीक्षाओं को लेकर नियमों में बड़ा बदलाव किया है सरकार के द्वारा निशुल्क शिक्षा अधिकार के अंदर यह बदलाव करके बताया है कि अब पांचवी और आठवीं की परीक्षा को लेकर भी विद्यार्थियों को फेल किया जाएगा नियमित परीक्षा में अगर कोई विद्यार्थी असफल रहता है तो उसे 2 महीने में फिर से परीक्षा देने का मौका मिलेगा।
नियमित परीक्षा के अंदर सभी विद्यार्थियों को पढ़ाई के दौरान यह ध्यान रखना होगा कि अब उन्हें मेहनत करनी होगी अगर कोई विद्यार्थी असफल रहता है तो उसे 2 महीने में फिर से परीक्षा देने का एक बार मौका मिलेगा इसके बाद भी वह असफल रहता है तो उसे अगली कक्षा में नहीं बैठाया जाएगा शिक्षा मंत्रालय निशुल्क और अनिवार्य बाल शिक्षा का अधिकार संशोधन नियम 2003 की धारा 38 निशुल्क और अनिवार्य बाल शिक्षा अधिकार नियम 2010 में यह संशोधन किया है।

यह नियम निशुल्क और अनिवार्य बाल शिक्षा अधिकार संशोधन नियम 2024 कहलाएंगे राजस्थान प्राथमिक एवं माध्यमिक शिक्षा संघ के प्रदेश अध्यक्ष विपिन प्रकाश शर्मा का कहना है कि यह नियम पहले ही लागू हो जाना चाहिए था इससे शैक्षणिक गुणवत्ता बढ़ेगी।
अब से पहले पांचवी और आठवीं के अंदर बच्चों को फेल नहीं किया जाता था उनके ग्रेड देकर उनको पास कर दिया जाता था लेकिन अब उनका सीधा पास नहीं किया जाएगा जो बच्चे मेहनत करेंगे और अच्छे पासिंग मार्क्स लेंगे उन्हें को पास किया जाएगा।
शिक्षा मंत्रालय- (स्कूल शिक्षा और साक्षरता विभाग) अधिसूचना, नई दिल्ली, 16 दिसम्बर, 2024 सा.का.नि. 777 (अ).— केन्द्रीय सरकार, निःशुल्क और अनिवार्य बाल शिक्षा का अधिकार अधिनियम, 2009 के तहत ( 2009 का 35 ) प्रावधान संविधान में किया गया है की धारा 38 की उपधारा (2) के खंड (च क) द्वारा प्रदत्त शक्तियों का प्रयोग करते हुए, निःशुल्क और अनिवार्य बाल शिक्षा का अधिकार नियम, 2010 का और संशोधन करने के लिए निम्नलिखित नियम बनाती है, अर्थात्:-
इन नियमों का संक्षिप्त नाम निःशुल्क और अनिवार्य बाल शिक्षा का अधिकार (संशोधन) नियम, 2024 है। का संविधान में स्पष्ट रूप से उल्लेख है (2) ये सरकारी राजपत्र में उनके प्रकाशन की तारीख को लागू होंगे, निःशुल्क और अनिवार्य बाल शिक्षा का अधिकार नियम, 2010 में, भाग 5 के पश्चात निम्नलिखित भाग अंतःस्थापित किया जाएगा, अर्थात्:- भाग 5 क – कतिपय मामलों में परीक्षा और रोका जाना 16 क. रीति और शर्तें जिनके अध्यधीन किसी बालक को रोका जा सकता है- (1) प्रत्येक शैक्षणिक वर्ष के अंत पर पांचवीं कक्षा और आठवीं कक्षा में नियमित परीक्षा होगी यानी कि इसके अंदर प्रत्येक साल पांचवी और आठवीं के लिए परीक्षा आयोजित होगी।
PART II-SEC. 3(i) उप-नियम (1) में निर्दिष्ट, नियमित परीक्षा के संचालन के पश्चात्, यदि कोई बालक समय-समय पर यथा अधिसूचित, प्रोन्नति मानदण्ड को पूरा करने में असफल रहता है, तो उसे परिणाम घोषित होने की तारीख से दो मास की अवधि के भीतर पुनः परीक्षा के लिए अतिरिक्त अनुदेश तथा अवसर दिया जाएगा यानी कि अगर कोई अभ्यार्थी फेल होता है तो उसे 2 महीने के अंदर एक बार फिर से मौका मिलेगा।
(3) यदि उप-नियम (2) में निर्दिष्ट पुनः परीक्षा में उपस्थित होने वाला बालक, प्रोन्नति के मानदण्ड को पूरा करने में पुनः असफल रहता है, यतास्थिति, पांचवीं कक्षा या आठवीं कक्षा में रोक दिया जाएगा।
बालक को रोके रखने के दौरान इसका मतलब है कि कोई अभ्यर्थी अगर फेल होता है तो उसे अगली कक्षा में नहीं भेजा जाएगा, कक्षा शिक्षक बालक के साथ-साथ, यदि आवश्यक हो तो, बालक के माता-पिता का भी मार्गदर्शन करेगा तथा निर्धारण के विभिन्न चरणों पर अधिगम के अंतरालों की पहचान करने के पश्चात् विशेषज्ञीय इनपुट प्रदान करेगा।
(5) स्कूल का प्रमुख उन बालकों की सूची बनाएगा जो रोके गए हैं कि जिन अभ्यर्थियों को फेल किया गया है उन सभी की सूची संस्था प्रधान या प्रधानाचार्य बनाएगा तथा ऐसे बालकों को विशेषज्ञीय इनपुट के लिए प्रदान किए गए उपबंधों तथा पहचाने गए अधिगम के अंतरालों के संबंध में उनकी प्रगति पर व्यक्तिगत रूप से मॉनीटरी करेगा।
T-आधारित परीक्षाएं होंगी तथा न कि याद (6) बालक के समग्र विकास को पाने के लिए परीक्षा और पुनः परीक्षा सक्षमता अ करने और प्रक्रियात्मक कौशल पर आधारित होंगी।
(7) किसी भी बालक को तब तक किसी स्कूल से नहीं निकाला जाएगा जब तक वह प्रारंभिक शिक्षा पूरी नहीं कर लेता। यानी कि अभ्यर्थी जब तक प्रारंभिक शिक्षा पूरी नहीं कर लेता तब तक उसे किसी भी स्कूल से नहीं निकल जाएगा [फा. सं. 1-3/2017- ईई- 4 / आईएस-3]
अनिल कुमार सिंघल, अपर सचिव
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पांचवी और आठवीं के अंदर निशुल्क शिक्षा अधिकारी में बदलाव का नोटिस यहां से डाउनलोड करें।